Hope Remains ..
हसरतें पूरी ना हों. .
. . . तो ना सही.....
ख़्वाहिश करना
कोई गुनाह !!
तो नहीं !!!
**आशा बनी रहे...**
जीवन में हर किसी की कुछ हसरतें होती हैं, जो कभी पूरी होती हैं और कभी अधूरी रह जाती हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम ख़्वाहिश करना छोड़ दें। अधूरी हसरतें हमें निराश कर सकती हैं, परंतु उम्मीद और ख़्वाहिशें हमें जीने का मकसद देती हैं।
आशा वो चिराग है, जो अंधेरों में भी राह दिखाता है। जब सपने अधूरे रह जाएं, तो निराश होने के बजाय नई उम्मीदों के साथ आगे बढ़ना चाहिए। ख़्वाहिश करना गुनाह नहीं, बल्कि अपने जीवन को बेहतर बनाने का प्रयास है। इसलिए, हर हाल में *आशा बनी रहे...*
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