राम... श्रीराम...... जय श्रीराम!!!!
तुलसी भरोसे राम के, निर्भय हो के सोए।
अनहोनी होनी नहीं, होनी हो सो होए।।
**राम... श्रीराम... जय श्रीराम!**
तुलसीदासजी कहते हैं—जो राम पर भरोसा रखते हैं, वे निडर होकर जीते हैं। अनहोनी टल जाती है, और जो होना है, वह निश्चित रूप से होता है। राम का नाम संपूर्ण विश्वास और अटूट भक्ति का प्रतीक है। जय श्रीराम!
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